मेरठ। सुभारती मेडिकल कालेज में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी पकड़ने और आठ आरोपितों को जेल भेजने के बाद इस मामले की तह तक जाने में पुलिस कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रही है। जिस मरीज शोभित जैन की स्टिल्ड वाटर का इंजेक्शन लगाने से मौत हो गई थी उसके स्वजन के बयान तक अभी दर्ज नहीं किए गए हैं।
पुलिस की यह हीलाहवाली तब है जब शोभित जैन की बहन खुद पुलिस से संपर्क कर चुकी है। साथ ही सुभारती ग्रुप से रेमडेसिविर का ब्यौरा और कोरोना संक्रमण के दौरान मारे गए व्यक्तियों की जानकारी तक नहीं ली गई है, जबकि एसएसपी का दावा है कि रेमडेसिविर का सुभारती प्रबंधन तंत्र से रिकार्ड मागा गया है लेकिन सुभारती ग्रुप के ट्रस्टी अतुल कृष्ण भटनागर ने कहा कि अभी तक पुलिस ने उनसे कोई जानकारी नहीं मागी है। उन्होंने फिर दोहराया कि सुभारती अपनी तरफ से मामले की जाच कराकर रिपोर्ट तैयार कर रहा है। जांच में देरी का कारण पूछे जाने पर इंस्पेक्टर संजय वर्मा ने एक बार पुन: पंचायत चुनाव में पुलिस की व्यस्तता का कारण बताया। इंस्पेक्टर का कहना है कि फोर्स पंचायत चुनाव कराने में लगी है। एसएसपी अजय साहनी का कहना है कि विवेचना को दूसरे जनपद से कराने के लिए आख्या भेजी गई है।
शुभकामना अस्पताल के ओटी इंचार्ज की तलाश
सíवलास सेल ने रेमडेसिविर की कालाबाजारी में शास्त्रीनगर स्थित शुभकामना नìसग के तीन कर्मचारियों को तीन इंजेक्शन के साथ नौचंदी पुलिस को सौंप दिया था। पुलिस ने तीनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया। उनके चौथे साथी ताजिम निवासी बनियापाड़ा कोतवाली को भी पुलिस तलाश रही है। वह अस्पताल में ओटी इंचार्ज है। यह सभी एक इंजेक्शन की कीमत 45 हजार से 50 हजार तक वसूल रहे थे। नौचंदी इंस्पेक्टर प्रेमचंद शर्मा का कहना है कि तीनों आरोपितों ने पूछताछ में बताया कि कई लोगों को इंजेक्शन बेच भी चुके हैं। ताजिम की गिरफ्तारी के बाद कुछ और अहम जानकारियां मिल सकेंगी।
Source: Jagran