अजैन होते हुए भी जैन धर्म में पूर्ण आस्था


राजस्थान प्रान्त के उदयपुर जिले के भीण्डर निवासी श्री महेन्द्र स्वर्णकार सोनी के सुपुत्र श्री अनिल स्वर्णकार सोनी अजैन होते हुवे जैन धर्म दर्शन में आस्था रखते है।जैन संन्तो की साधना से प्रभावित होकर 7 वर्षो से रात्रि भोजन का त्याग, पर्वराज पर्युषण में कंदमूल जमीकंद का त्याग, तीर्थ राज सम्मेद शिखर की भावपूर्ण वंदना कर चुके। जिनेन्द्र भगवान का अभिषेक, और आहार दान भी किया।

वर्तमान में सुकुमालनंदी उच्च प्राथमिक विद्यालय बड़गांव एवं तपस्वी सम्राट आचार्य सन्मति सागर उच्च प्राथमिक विद्यालय भिंडर नाम से 2 विद्यालयों का संचालन अनिल स्वर्णकार द्वारा किया जा रहा है दोनों विद्यालय संपूर्ण भारतवर्ष में  अद्वितीय है। दोनों विद्यालय में कार्यरत 15 अध्यापक अध्यापिकाओं में कोई जैन नहीं है दोनों विद्यालयों में पढ़ने वाले 240 विद्यार्थियों में कोई जैन परिवार से नहीं है फिर भी दोनों विद्यालयों का संचालन पूर्ण जैन रीति से होता है विद्यालय का प्रारंभ णमोकार महामंत्र की आराधना से होता है।

विद्यालय में जैन पर्वों का विशेष आयोजन होता है। पर्वराज पर्यूषण में 10 दिवसीय धार्मिक शिविर का आयोजन होता है । वर्ष में एक बार सभी बच्चों को एक जैन तीर्थ स्थल का दर्शन भ्रमण कराया जाता है विद्यालय की मुख्य विशेषता क्या है की दोनों विद्यालयों में पढ़ने वाले समस्त विद्यार्थी आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के परिवारों से हैं सभी विद्यार्थियों को प्रतिवर्ष किताबें, कॉपियां ,यूनिफॉर्म ,बैग ,शूज ,मौजे टिफिन ,स्वेटर ,टी शर्ट ,डायरी नि:शुल्क दिए जाते हैं।

 

— अभिषेक जैन लुहाड़िया रामगंजमडी


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