बेंगलूरु. अगले वर्ष श्रवणबेलगोला में भगवान गोमटेश्वर बाहुबली के महामस्तकाभिषेक के आयोजन के लिए राज्य सरकार ने केंद्र से 500 करोड़ रुपए की मांग की है। हर 12 वर्ष के अंतराल पर आयोजित होने वाले जैन धर्म के इस महामस्तकाभिषेक महोत्सव के लिए पिछली बार केंद्र सरकार ने 90 करोड़ रुपए दिए थे। फरवरी 2006 के बाद से फरवरी 2018 में इसका आयोजन फिर होना है।
इस संदर्भ में मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या ने वित्त मंत्री अरुण जेटली को पत्र लिखकर इस मद में 500 करोड़ रुपए आवंटित करने की मांग की है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि 12 दिनों तक चलने वाले महामस्तकाभिषेक में देश-दुनिया से लाखों जैन श्रद्धालु आते हैं और विभिन्न अनुष्ठानों में भाग लेते हैं। सरकार श्रवणबेलगोला की ऐतिहासिक विरासत को अक्षुण्ण रखने के साथही उसके विकास और श्रद्धालुओं को सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। केंद्र सरकार ने भी इसे सर्वोच्च प्राथमिकता की श्रेणी में रखा है। केंद्र की ओर से दिए जाने वाले अनुदान से राज्य सरकार कुछस्थायी और अस्थायी संरचनाएं तैयार करवाएगी साथ ही सड़क, जलापूर्ति, कुछ अस्थाई अवासीय सुविधाएं और आश्रय स्थली आदि के निर्माण पर खर्च करेगी। महामस्तकाभिषेक के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के साथ विशिष्ट अतिथि और पर्यटक भी आएंगे जिनके लिए ये तैयारियां की जाएंगी।
इसके अलावा बाहुबली की प्रतिमा जिस पहाड़ी पर है उन पहाडिय़ों के संरक्षण और विकास, ऊंचे सीट पर प्रकृति भाषा को अंकित करने तथा इतिहासविदों के लिए एक पुस्तकालय और अनुसंधान केंद्र स्थापित करने के लिए किया जाएगा।
दरअसल, बेंगलूरु से 140 किलोमीटर दूर हासन जिले के चनरायपट्टणा के समीप स्थित चंद्रगिरी और विंध्यगिरी पहाडिय़ां हैं,जिसमें से चंद्रगिरी पहाड़ी पर 58 फीट ऊंची बाहुबली की प्रतिमा है जहां महामस्तकाभिषेक की परंपरा 981 एडी में शुरू हुई थी। मुख्यमंत्री ने कहा है कि पिछली बार का महामस्तकाभिषेक श्रृंखला का 87 वां था और फरवरी 2018 के महामस्तकाभिषेक के शानदार आयोजन में सरकार कोई कसर नहीं छोड़ेगी।
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