भोपाल जैन समाज के लिए श्रावणमास का प्रथम दिन उल्लासपूर्ण रहा। इस दिन वीर शासन जयंती का आयोजन किया गया। इसी दिन से समाज में नये वर्ष की शुरूआत मानी जाती है। इससे अधिक खुशी की वजह रही कि संत शिरोमणि आचार्य विद्यासागर महाराज ससंघ का सानिध्य मिला। इस अवसर पर आचार्यश्री कहा कि 12 वर्षो तक मौन और ध्यानावस्था में रहने के बाद आज ही के दिन समवशरण से भगवान महावीर की दिव्य ध्वनित बिहार के विपुलाचल पर्वत पर हुई थी। इसलिए जैन समाज इसे वीर शासन जयंती और नरवर्ष के रूप में मनाते हैं।
आचार्यश्री ने आगे कहा कि वाहन आपका हो सकता है किंतु सड़क आपकी नहीं है। इसलिए सड़क पर चलते समय यातायात नियमों का पालन अवश्य करें। जो लोग दूसरों का भला सोचते हैं, उनका स्वयं ही भला हो जाया करता है। जिस तरह ट्रेम में अमीर और गरीब सभी यात्री यात्रा करते हैं, उसी तरह भगवान के समवशरण में भी सभी एक समान होते हैं। उन्होंने कहा कि तीर्थकर क्षत्रिय हो सकते हैं पर परमेष्ठि सभी ब्राह्मण हैं। उन्होंने लोगों को सीख दी कि आज का दिन केवल जयंती के रूप में न मनाएं बल्कि महावीर के संदेशों और उनके सिद्धातों को जीवन में उतारें।
कार्यक्रम से पूर्व विमल भंडारी ने मंगलाचरण प्रस्तुत किया। चातुर्मास समिति के अध्यक्ष प्रमोद हिमांशु एवं ब्रह्मचारी अविनाश ने आचार्यश्री को शास्त्र भेंट किया। सुनील जैन एवं डा. आर.के. जैन ने आचार्यश्री का पाद-पक्षालन किया। इसके बाद बुंदेलखंडी भजन प्रस्तुत किये गये । कार्यक्रम में केंद्रीय राज्यमंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते, मंत्री जयंत मलैया, वेस्टर्न रेलवे के सीईओ अजीत जैन, वित्त विभाग के अपर संचालक नितिन नांदगांवकर, सुधा मलैया, धारावाहिक महाभारत के पात्र नितीश भारद्वाज. रिटार्यड जस्टिस अभय गोहिल, एन.के. जैन आदि ने आचार्यश्री को श्रीफल भेंट किया।