जोधपुर जैन समाज की सुशीला देवी पत्नी स्व. श्री सुदरलाल बडजात्या जैन धर्म में विशेष आस्था और अटूट श्रद्धाभाव रखती थी। यह बात उनके द्वारा लिखित वसीयत के बाद समाज के लोगों को मालूम चली। सुशीला देवी का निधन दो दिन पूर्व हुआ है। नि:संतान धर्म साधक ने अपने जीवनकाल में ही अपना डेढ़ करोड़ का नसरानी सिनेमा के पीछे बना मकान श्री दिगम्बर जैन मन्दिर ट्रस्ट के नाम कर धर्म के प्रति अपनी अटूट साधना का परिचय दिया है। श्री दिगंबर जैन मंदिर में 30 अप्रैल को उठावणा के दौरान उनकी छोटी बहन पदमा जैन, उनके पति प्रकाश चंद्र जैन और भाई महावीर जैन ने समाज के लोगों और मंदिर ट्रस्टियों की मौजूदगी में वसीयत के कागज सौंपे। वसीयत के अनुसार उनके मकान को बेचकर मिलने वाली रकम से मंदिर परिसर में दंपति के नामकरण से एक बड़ा हाल बनाया जाए ताकि लोग इसमें बैठकर धर्म की साधना कर सकें और बचने वाली राशि से नियमित भोजनशाला पर भी खर्च हो। सुशीला के पति का निधन करीब एक साल पूर्व हुआ था। बडजात्या अपनी पत्नी सुशीला से मकान मंदिर में दान देने की कई बार चर्चा कर चुके थे। उनके निधन के बाद ही सुशीला ने मकान मंदिर के नाम वसीयत के रूप में लिख दिया। उनकी बहन पदमा एवं उनके पति प्रकाश जैन ने कहा कि मानव मात्र के कल्याण की भावना भाने से स्व. सुंदरलाल बडजात्या एवं उनकी पत्नी स्व. सुशीला द्वारा लिये संकल्प को आज उनके न होने पर पूरा कर दिया गया है। मंदिर ट्रस्ट के मंत्री दीपक गोधा ने बताया कि ट्रस्ट जल्द ही स्व. दम्पति की इच्छानुसार कार्य योजना तैयार करेगा।