रायगंज स्थित भगवान ऋषभदेव जन्मभूमि दिगम्बर जैन बड़ी मूर्ति मंदिर में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री एकनाथ शिंदे एवं उनके साथ पधारे मंत्रीमण्डल के अनेक मंत्रियों के साथ में भगवान ऋषभदेव की ३१ फुट उत्तुंग प्रतिमा के समक्ष श्रीफल चढ़ाकर दर्शन लिए एवं भगवान के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन करके की शांति की कामना। तदुपरांत जैन समाज की सर्वोच्च साध्वी भारतगौरव गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी, प्रज्ञाश्रमणी आर्यिका श्री चंदनामती माताजी का श्रीफल चढ़ाकर आशीर्वाद प्राप्त किया। संस्थान के अध्यक्ष पीठाधीश स्वस्तिश्री रवीन्द्रकीर्ति स्वामीजी ने माननीय मुख्यमंंत्री जी को साफा पहनाकर स्वागत किया एवं सम्मान पत्र प्रदान किया। महाराष्ट्र (नासिक) में निर्मित १०८ फुट भगवान ऋषभदेव की प्रतिमा का ग्रंथ माननीय मुख्यमंत्री जी को भेंट किया।
ऋषभदेव विद्वत महासंघ के महामंत्री प्रतिष्ठाचार्य विजय कुमार जी शास्त्री हस्तिनापुर ने अवगत कराया कि जैन मंदिर समिति के मंत्री श्री विजय कुमार जी ने प्रतीक चिन्ह प्रदान किया एवं डॉ. जीवन प्रकाश जैन ने माननीय मुख्यमंंत्री जी का माल्यार्पण करके स्वागत किया। महाराष्ट्र से पधारे चन्द्रशेखर कासलीवाल ने माननीय मुख्यमंत्री जी को अंग वस्त्र पहनाकर सम्मान किया। साथ में आये हुए समस्त मंत्रीमण्डल को अंग वस्त्र देकर समिति के द्वारा स्वागत किया गया।
पूज्य गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी ने इस अवसर पर माननीय मुख्यमंत्री जी को आशीर्वाद प्रदान करते हुए कहा कि महाराष्ट्र की सत्ता को कुशलता एवं धर्मनीति के साथ राजनीति को चलाते हुए सुख-शांति और समृद्धि की स्थापना राज्य में करें, यही हमारा मंगल आशीर्वाद है। क्योंकि भगवान ऋषभदेव इस पृथ्वी पर प्रथम राजा थे, जिन्होंने प्रजा को राज्य संचालन एवं राज्य नीति का उपदेश सर्वप्रथम इसी भूमि से दिया है।
भगवान ऋषभदेव समेत पाँच तीर्थंकरों की यह जन्मभूमि है। इसी क्रम में प्रज्ञाश्रमणी आर्यिका श्री चंदनामती माताजी ने भी मंगल आशीर्वाद प्रेषित किया। मुख्यमंत्री जी ने अपने मंगल उद्बोधन में कहा कि मैं प्रथम बार अयोध्या आया हूँ। मुझे भगवान ऋषभदेव के दर्शन प्राप्त हुए, मन में बहुत आल्हाद हुआ। इस भू पर आकर यहाँ के इतिहास को जाना एवं जैन साध्वी जी ने मांगीतुंगी में प्रतिमा का निर्माण किया। यह महाराष्ट्र के लिए एक गौरव है एवं समस्त तीर्थक्षेत्र कमेटी को शुभेच्छा प्रेषित करता हूँ।
— उदयभान जैन जयपुर