मंदारगिरी (बिहार) में ऐतिहासिक होगा भगवान वासुपूज्य निर्वाण महोत्सव व रथयात्रा , तैयारी जोर-शोर से जारी ।


जैन तीर्थंकर भगवान वासुपूज्य स्वामी की मोक्ष कल्याणक दिवस के अवसर में सिद्ध क्षेत्र मंदारगिरी – बिहार में निर्वाणोत्सव, रथयात्रा एवं निर्वाण लाडू चढ़ाने का भव्य आयोजन होने जा रहा है।

ज्ञातव्य हो कि जैन धर्म के 12 वें तीर्थंकर भगवान वासुपूज्य स्वामी की तप, ज्ञान एवं निर्वाण भूमि से सुशोभित प्राचीन चम्पापुर के मनोहर उद्यान मंदारगिरी में यह भव्य कार्यक्रम आयोजित होगा ।

इस आयोजन पर जैन संत मुनिश्री विप्रण सागर जी महाराज का सान्निध्य प्राप्त होगा।

मुनि श्री 108 विप्रण सागर जी महाराज ससंघ का मंगल सान्निध्य प्राप्त होगा यह सुनकर जैन समाज एवं आयोजक के बीच हर्ष का महौल है , लोगों का कहना है कि जैन संत के सान्निध्य में होने वाला इस भव्य आयोजन में तो “चार चांद ही लग जायेगी” आयोजन तो वर्षो पहले से होते आ रहा है लेकिन शायद पहली बार किसी जैन संत का सान्निध्य रहेगा , जिसको लेकर विशेष तैयारी की जा रही है।

मालूम हो कि 23 सितम्बर 2018 को हो रहे कार्यक्रम की शुरूआत प्रातः 6 बजे पर्वत शिखर मंदिर जी की ओर रथयात्रा (शोभायात्रा) प्रस्थान पश्चात मंदारगिरी पर्वत शिखर स्थित दिगम्बर जैन मंदिर परिसर में मोक्ष कल्याणक स्थली पर भगवान वासुपूज्य स्वामी की अतिशयकारी प्राचीन चरण पादुका तथा प्रतिमा जी के समक्ष अभिषेक, शांतिधारा , तत्पश्चात निर्वाण लाडू आदि का कार्यक्रम सूचित है।

निर्वाणोत्सव को लेकर तैयारी जोरों पर।

मंदारगिरी क्षेत्र प्रबंधक पवन कुमार जैन ने बताया कि इस आयोजन पर जैन तीर्थयात्रियों की आने की संभावना अधिक है जिसको लेकर यात्री सुविधा हेतु हर संभव व्यवस्था आवास , बिजली , भोजन , यातायात आदि व्यवस्था की जारी है।

वहीं कार्यक्रम के मद्देनजर  साज-सज्जा , पंडाल , साफ-सफाई एवं प्रशासनिक सहयोग सहित अन्य व्यवस्थाओं का विशेष ध्यान रखा जा रहा है।

बताया गया कि यात्रियों के लिए आयोजन एवं क्षेत्र जानकारी सुविधा हेतु सम्पूर्क सूत्र- 9507026319 प्रेषित है।

जैन धर्मावलंबियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी यह है कि जो श्रद्धालु भगवान के निर्वाण भूमि पर आकर निर्वाण लाडू नही चढ़ा सकते वो सीधे घर बैठे जैन संस्कृति पर आधारित चैनल पारस चैनल के माध्यम से सीधा प्रसारण दोपहर 1 से 4 बजे तक देख सकते  है।

आयोजन कमिटी तीर्थयात्रियों के स्वागत में विशेष रूप से व्यवस्था में जुटी है।

   — प्रवीण जैन


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