भगवान बाहुबली की मूर्ति है जो कि सोनगढ़ में स्थापित होनी है


भगवान बाहुबली की मूर्ति है जो कि सोनगढ़ में स्थापित होनी है । इसकी लम्बाई है 41 फीट, उंचाई है 6.5 फीट चौड़ाई है 14 फीट । गोमटेश्वर बाहुबली की मूर्ति के बाद सबसे बड़ी । योजना 51 फीट की थी लेकिन इतनी बड़ी मूर्ति का transportation संभव नहीं था ।
मूर्ति ग्रेनाइट की है और उसी पत्थर की है जिस पत्थर के गोमटेश्वर बाहुबली है । दो साल तक इस पत्थर की खोज की गई जो अंततःकर्णाटक के कोइरा नामक स्थान पर मिला । National award winner architect अशोक गुडिगर की 10 लोगों की टीम ने 15 महीनों की मेहनत से इसे बनाया व 1 करोड़ रु. अशोक गुडिगर को बतौर पारिश्रमिक के दिए ।
400 टन की इस मूर्ति को सोनगढ़ लाने के लिए 150 पहियों का special Volvo trailer बनवाया गया । भारत सरकार की विशेष अनुमति से एक दिन में 20 किलो मीटर का सफ़र कर 45 दिन में यह सोनगढ़ पहुंची । रास्ते में जहाँ जहाँ से भी यह गुजरी लाखों लोगों ने इसका स्वागत किया । craftsmanship व वीतरागता का बेहतरीन नमूना है यह मूर्ति । कोई 1000 वर्ष बाद भारत में गुरुदेव कहांन के भक्तो ने इतनी विशाल मूर्ति का निर्माण कराया है ।
एक ऊँची पहाड़ी पर स्थापित होने के बाद 15 किलो मीटर दूर पालीताना तक से यह दिखाई देगी ।


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