खुरई, रविवार की सुबह प्राचीन जैन मंदिर में आर्यिकाश्री पूर्णमति माताजी के सानिध्य में शोभायात्रा निकाली गई। जो नेहरू स्टेडियम पहुंचकर श्री चातुर्मास स्थापना समारोह में तब्दील हो गई।
चातुर्मास की स्थापना प्राणी मात्र की रक्षा के लिए होती है:
चातुर्मास कलश स्थापना समारोह के अवसर पर प्रवचन देते हुए आर्यिका मां पूर्णमति माताजी ने कहा कि चातुर्मास की स्थापना प्राणीमात्र की रक्षा के लिए की जाती है। चार माह वर्षा होने के कारण चारों ओर हरियाली एवं सूक्ष्म जीवों की उत्पत्ति हो जाती है इससे साधु एक ही स्थान पर ठहरकर अपनी धर्म साधना के साथ ही श्रावकों, श्रद्धालुओं का मोक्ष मार्ग प्रशस्त करने हेतु विभिन्न धार्मिक ग्रंथों के माध्यम से धर्म प्रभावना करते हैं। उन्होंने कहा कि अच्छे परिणामों वाले जीव होते हैं जो इस पवित्र माह में धर्म ध्यान कर लेते हैं। अर्थ के साथ ही परमार्थ भी बहुत जरूरी हुआ करता है। नाम के लिए दान या धर्म आदि नहीं करना चाहिए। सम्यक दृष्टि जीव हुआ करते हैं जो नाम, यश, कीर्ति की चाह के बिना अपना सर्वस्य न्यौछावर करने को आतुर प्रतीत होते थे।
- अतुल जैन, बामौर कलाँ