आचार्यश्री महाश्रमण का बीकानेर आगमन आज, दो दिन का रहेगा प्रवास


बीकानेर। तेरापंथ धर्मसंघ के ग्याहरवें अधिशास्ता महातपस्वी युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमण 12 जून को बीकानेर आ रहे हैं। इसी दिन वे शोभायात्रा के साथ नगर प्रवेश भी करेंगे। इस अवसर पर आचार्यश्री महाश्रमण के आगमन को लेकर की जा रही तैयारियों एवं उनके यात्रा के उद्देश्य को लेकर जानकारी देने के लिए शनिवार को रामपुरिया रोड स्थित दुग्गड़ भवन में एक प्रेसवार्ता का आयोजन किया गया।

प्रेसवार्ता में श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा के अध्यक्ष पदम बोथरा ने उनके नगर प्रवेश एवं नगर में होने वाले आयोजन की जानकारी देते हुए बताया कि श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा सहित सकल समाज को यह सुअवसर मिल रहा है। यह सकल जैन समाज के लिए गौरव की बात है कि हमें आचार्यश्री महाश्रमण के दर्शन एवं उनके ज्ञान दर्शन का लाभ पाने का यह अवसर मिला है। आचार्यश्री के साथ साध्वी प्रमुखा विश्रुतविभा, मुख्य मुनि महावीर कुमार एवं सौ से भी अधिक साधु-साध्वियों सहित दो दिवसीय पावन प्रवास पर उनका नगर आगमन मंगल प्रवेश शोभायात्रा के साथ होगा। आचार्यश्री महाश्रमण का रविवार की शाम को पांच बजे शोभायात्रा के साथ जैन स्कूल से बोथरा मोहल्ला, रांगड़ी चौक स्थित लाल कोठी में मंगल प्रवेश करेंगे।

उपाध्यक्ष अभय कुमार सुराणा ने बताया कि गुरुदेव रात्रि विश्राम के बाद 13 जून सोमवार को सुबह 9 बजे आचार्य महाश्रमण लाल कोठी से कोचरों के चौक पहुंचेंगे, जहां वे जैनम जयति शासनम विषय पर मुख्य प्रवचन देंगे।

आचार्यश्री महाश्रमण के अहिंसा यात्रा की जानकारी देते हुए तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम एवं अणुव्रत विश्व भारती की सदस्य डॉ. नीलम जैन ने बताया कि आचार्यश्री महाश्रमण नैतिकता, सद्भावना, नशा मुक्ति के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं। इस कार्य में श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा, बीकानेर भी योगदान दे रहा है। आचार्य श्री के आह्वान पर ही सभा की ओर से 108 जन त्याग, वृष्टि की पालना को लेकर गुरुदेव के सामने संकल्प करेंगे। साथ ही स्काउट एवं गाइड के छात्र-छात्राएं भी अणुव्रत आचार संहिता का संकल्प ले रहे हैं।

सभा के मंत्री सुरेश जैन ने बताया कि आचार्य श्री अब तक करीब पचास हजार से भी ज्यादा किलोमीटर की यात्रा कर चरैवेति-चरैवेति के मंत्र को चरितार्थ करते हुए गांव-गांव, ढाणी-ढाणी, शहरों और महानगरों से गुजरते हुए लोगों को अच्छा बनने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। वे न किसी कौशल का प्रदर्शन करते हैं, न रणनीति का चक्रव्यूह रचते हैं। केवल साफ शब्दों में बुराई को छोडऩे, नशा नहीं करने, भ्रूण  हत्या नहीं करने, लोक- जीवन में शुद्धता लाने, भेदभाव मिटाकर समभाव रखने की सीख देने के  लिए एक-एक व्यक्ति को समझाते हैं। ऐसे संत जो समाज का उत्थान करते हुए निरन्तर आगे बढ़ रहे हैं।

डॉ. जैन ने बताया कि सद्भावना, नैतिकता, नशामुक्ति एवं अहिंसा यात्रा को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य आचार्य श्री महाश्रमण अपने पावन कदमों से पदयात्रा कर एक नए इतिहास को रच रहे हैं। आचार्यश्री ने राष्ट्रपति भवन से लेकर गांव की झोंपड़ी तक शांति का संदेश देने का कार्य कर रहे हैं। ऐसे में हम रत्त भर भी उनके बताए मार्ग का अनुसरण कर लेते हैं तो हम अपने आप को धन्य महसूस करते हैं। अध्यक्ष पदम बोथरा ने मीडिया के माध्यम से सकल जैन समाज सहित सभी को जन संदेश देते हुए कहा कि आचार्य श्री महाश्रमण के दर्शन के दर्शन का लाभ लेने के लिए उनके प्रवचन का लाभ जरुर लें, इसी में मानव जीवन की सार्थकता है। तेरापंथ महिला मंडल अध्यक्ष प्रेम नौलखा ने बताया कि जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा, तेरापंथ महिला मंडल, युवक परिषद, कन्या मंडल, किशोर मंडल, ज्ञानशाला की ओर से स्वागत गीत प्रस्तुत किया जाएगा।


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