जैन समाज मेरठ के पुण्य उदय से असौड़ा हाउस जैन समाज द्वारा अरहम योग प्रणेता परम पूज्य मुनि श्री प्रणम्य सागर जी महाराज के सानिध्य में 6 दिवसीय *अर्हं ध्यान योग साधना शिविर *का आयोजन शंकर आश्रम में किया गया । यह एकदम नए तरह की ध्यान योग साधना रही जैसा कि नाम से ही स्पष्ट होता है कि इसमें तीन बातों को शामिल किया गया ,… ध्यान +योग+साधना।
इस अर्हं ध्यान योग साधना का उद्देश्य था.. साधकों को ऐसे सुख और आनंद की पहचान कराना जो उनके अंदर ही छिपा है और उसको वे जानते ही नहीं है। यह तो हमने कई बार सुना है कि अपने अंदर ही शांति है ,आनंद है , लेकिन उसआनंद और शांति तक कैसे पहुंचा जाए। उसी का मार्ग इस ध्यान योग साधना में बताया गया।
यह शिविर साधना के षट्कर्मों पर आधारित था जिसके बारे में हम बहुत कम जानते हैं ये षट्कर्म है…सामयिक, स्तवन, वंदना प्रतिक्रमण प्रत्याख्यान और कायोत्सर्ग। प्रत्येक दिन एक प्रक्रिया का अभ्यास कराया गया। उसे समझाया गया। पहले थ्योरी में समझाया गया फिर उसका प्रैक्टिकल गया।
इसके अलावा 6 बहिरंग तप और 6 अंतरंग तपों का भी अभ्यास कराया गया ।
प्रत्येक दिन एक ष ट कर्म, एक बहिरंग तप और एक अंतरंग तप के बारे में साधकों को सिखाया गया और प्रेक्टिकल कराया गया । साधकों ने शिविर के नियमों का कड़ाई से पालन किया। सिर्फ दो बार ही बहुत सादा भोजन शिविर में ही करना जल भी भोजन के साथ ही पीना बस, कभी भूख से कम भोजन करना, कभी बिना नमक,मीठा ,घी ,तेल से रहित नीरस भोजन करना , दिन में एक घंटा मौन तो शाम से सुबह तक मौन रखना आदि।सभी साधकों ने बहुत कुछ नया सीखा और ऐसा आंनद, मानसिक शांति और सुख महसूस किया जो उन्होंने पहले कभी नहीं किया था।