सागर नगर के जैन अतिशय तीर्थ मंगलगिरी में एक पत्थर से तराशी गई भगवान भरत की 58 फीट ऊंची प्रतिमा के खंडित होने का समाचार आया है। जानकारी के मुताबिक अतिशय क्षेत्र मंगलगिरी में भगवान भरत की प्रतिमा को स्थापित करने की प्रक्रिया चल रही थी। इसी दौरान उनके पैर के नजदीक बना एक हिस्सा टूटकर अलग हो गया। शुरुआत में मामूली दरार दिखाई दे रही थी किंतु जैसे ही क्रेन द्वारा प्रतिमा को खड़ा किया जाने लगा, उक्त दरार बढ़ती गई और नीचे का एक हिस्सा टूटकर अलग हो गया। इसके बाद जैन समुदाय के लोग प्रतिमा खंडित होने के बाद मशविरा करने में जुट गये और कुछ लोग जैन संत आचार्य विशुद्ध सागर जी से मिलने भोपाल के लिए रवाना हो गये।
संशय है कि यही मूर्ति स्थापित होगी या दूसरी तैयार होगी। मूर्ति स्थापना की जिम्मेदारी देख रहे लोगों के अनुसार दूसरी नयी प्रतिमा के बनवाये जाने की ज्यादा संभावना है। बता दें कि एक पत्थर से बनी 58 फीट ऊंची प्रतिमा राजस्थान के कुचावन नगर से चार कारीगरों की मेहनत से इसे एक साल में विशेष पत्थर से तैयार करवाया गया था। मूर्ति स्थापना के लिए नासिक से दो कम्प्यूटराइज्ड क्रेन बुलाई गई थी। उक्त प्रतिमा की लागत करोड़ों में बताई जा रही है। यहां की मूर्ति प्रतिष्ठा और पंचकल्याणक प्रतिष्ठा इसी अप्रैल में प्रस्तावित है।