देश के अनूठे नवनिर्मित जैन मंदिर में 400 अष्टधातु की जिन प्रतिमाएं सोमवार को पहुंची


भोपाल नगर के हबीबगंज में आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज की मंगल प्रेरणा और आशीर्वाद से लगभग 100 करोड़ रुपये की लागत से एक ऐसा भव्य और विशाल दिगम्बर जैन मंदिर का निर्माण हो रहा है, जो अपनी आधिपत्यकला एवं आकषर्ण की दृष्टि से देश का अनूठा मंदिर होगा। इस विशाल मंदिर में स्थापित होने हेतु 400 अष्टधातु की प्रतिमाएं राजस्थान से चलकर सोमवार यहां पहुंची।

मुनिश्री भूतबली जी के सानिध्य में श्रद्धालुओं ने जय-जयकार कर पूरे वातावरण को गुंजायमान कर प्रतिमाओं का मंगल प्रवेश कराया। इस मंदिर का निर्माण कार्य द्रुत गति से चल रहा है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वजनी पत्थर को उठाने वाली लगभग 1 करोड़ रुपये से अधिक की हाई स्पीड टावर क्रेन तक को निर्माण समिति ने खरीद लिया है। यह मशीन 140 फुट की ऊंचाई तक बिना किसी व्यवधान के पत्थर रख सकती है।

मंदिर की ऊंचाई शिखर समेत कुल 171 फुट ऊंची होगी। सोमवार को आई प्रतिमाओं में एक फुट से लेकर तीन फुट तक की प्रतिमाएं हैं और इनका वजन 35 किलो से 47 किलो तक है। मूलनायक एवं अन्य तीर्थकरों की प्रतिमाएं 4 से 7 फुट ऊंची होगी। बता दें कि उक्त निर्माणाधीन मंदिर तीन मंजिल का होगा और एक मंदिर में तीन जिनालय होंगे। एक में पंचबालयति की प्रतिमाएं होंगी। दूसरा त्रिकाल चौबीसी का होगा, जिसमें सभी तीर्थकरों की प्रतिमाएं विराजमान होंगी।

तीसरा सहस्त्रकूट जिनालय होगा, जिसमें भगवान की 1008 प्रतिमाएं विराजित होंगी और शेष प्रतिमाएं मंदिर परिसर में अन्य स्थानों पर स्थापित की जाएंगी। देश का यह पहला ऐसा मंदिर होगा, जिसमें पंचबालयति, त्रिकाल चौबीसी सहित सहस्त्रकूट के एक साथ दर्शन लाभ मिल सकेंगे। मंदिर लगभग 2 एकड़ भूमि में बनेगा, जिसमें 4 हजार वर्गफीट में छात्रावास, 5 हजार वर्गफीट में यात्री निवास, 5 हजार वर्ग फीट में और 10 हजार वर्गफीट में धर्मसभा हाल का निर्माण होगा।


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