हाथरस के बरवाना में 300 वर्ष पुराने अति प्राचीन जैन मंदिर से 3 अष्टधातु की बहुमूल्य प्रतिमाओं की चोरी की घटना घटित हुई। समाज के अनुसार चोरी गई तीनों प्रतिमाएं लगभग 300 वर्ष पूर्व इसी जगह खुदाई में निकली थी, जिसके बाद यहां मंदिर की स्थापना की गई। चोरी गई तीनों मूर्तियों से समाज के जबर्दस्त आक्रोश और गुस्सा है। काफी समय से मंदिर की देखभाल जगदीश शरण जैन, रविंद्र कुमार आदि करते आये हैं। गांव में चार-पांच जैन परिवार हैं, जो मंदिर में पूजा-अर्चना करते हैं।
अति प्राचीन मंदिर होने की वजह से इसके साथ समाज की आस्था जुड़ी हुई है। समाज की बैठक में घटना को लेकर आक्रोश जाहिर किया गया तथा मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चिंता ब्यक्त की गई। बैठक के बाद समाज के लोग पुलिस अधिकारियों से मिले और जल्द मूर्तियां बरामदगी की मांग की। जगदीश शरण जैन ने बताया कि तीनों मूर्तियां बेशकीमती हैं।
उन्होंने बताया कि भगवान की मूर्ति के अलावा यहां सोने और चांदी के छत्र सहित लोहे की गुल्लक और चांदी पीतल के बर्तन रखे थे किंतु चोरों ने इन्हें हाथ नहीं लगाया। उन्होंने केवल मूर्तियों की ही चोरी की। समाज के लोगों में डा. मोहन लाल जैन, सुमत चंद्र जैन, संजीवन जैन, जगदीश शरण जैन के अलावा बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे। जैन नवयुवक सभा ने कहा है कि मूर्ति बरामदगी न होने की स्थिति में आंदोलन करने की चेतावनी दी है।