क्या चाहिए आपको ? यह आपके उपर निर्भर है। 21 दिनों तक घर की जेल में आपको रहना होगा। लेकिन यह अवसर मिला है जब हमें दुनिया के सारे झंझटों से आजादी मिल गई है। अब 21 दिन का समय केवल हमारे अपने लिए होगा और हमारे परिवार के लिए होगा।
लेकिन यह सब इतना आसान नहीं होगा क्योंकि आज की डरावनी स्थिति भी हमारे मन के एक कोने में अवश्य पड़ी हुई है। अभी हम सब कमजोर है। लेकिन हम सब इतने बड़े सौभाग्यशाली भी है कि हमें गुरु का सहारा मिला हुआ है। उनको मालूम है कि हमारे मन को मजबूत करने के लिए हमें सही दिशा निर्देशन की आवश्यकता होती है।
अतः बन्धुओं आज से हम अपने आपको गुरु के चरणों सौंप रहे है और उनसे विनती करते है – हे भगवन ! आज के इस भय के माहौल में हमे सहारा दीजिए। हमारे मन के डर को दूर करिए। हमारा मन मजबूत बने।
बन्धुओं आज सुबह से हम सबके के लिए इन 21 दोनों के लिए एक अद्भुत प्रयोग शुरू हो रहा है जिसके द्वारा हम अपने भय पर विजय प्राप्त करके सब जीवों के कल्याण की भावना भाएंगे। इन 21 दिनों तक हम और हमारा परिवार अपने डर पर काबू करके और इस महामारी को नष्ट करके एक नए उगते हुए शांति के सूर्य को देखेंगे।
आओ सब मिलकर आज सुबह एक नई शुरुआत करते है और सबको अपने साथ इस शांति की मुहिम में जोड़ कर अपने देश को इस संकट से बाहर निकालते है।