सूरत नगर के एक सम्पन्न घराने की लाडली 17 वर्षीय स्तुति शाह एक प्रेरक वक्ता के रूप में अपना कैरियर बनाना चाहती थी किंतु अब वे सांसारिक सुख-सम्पन्नता और विलासिता को ठोकर मार दीक्षा लेकर त्याग, तपस्या के मार्ग पर निकल पड़ी हैं। दीक्षा ग्रहण करने वाली स्तुति शाह ने बताया कि मेरी इच्छा पूर्व दिग्गज क्रिेकेट खिलाड़ी मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर की लाल फरारी पर सवार होकर दीक्षा लेने जाने की थी और इसमें मेरे पिता जी ने पूरा सहयोग किया।
स्तुति के पिता सुरेश शाह एक प्रिटिंग प्रेस के मालिक हैं उन्होंने बताया कि मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर की की कार वर्ष 2011 में सूरत के बिल्डर जयेश देसाई को बेच दी थी। कथिततौर पर स्तुति के पिता ने सुरेश देसाई से स्तुति की इच्छा के मुताबिक अपनी कार एक दिन के लिए देने का अनुरोध किया, जिसमें सवार होकर स्तुति दीक्षा ग्रहण करने जा सके। उनकी बेटी की इस इच्छा के आगे देसाई ने अपनी कार देना सहर्ष स्वीकार कर लिया। स्तुति शाह ने बताया कि वह प्रखर वक्ता बनना चाह रही थीं किंतु वर्ष 2017 में जैन परंपरा के आध्यात्मिक गुरु महाराज साहेब के सम्पर्क में आने के बाद उन्होंने सन्यास लेने का फैसला किया।