संगरूर के मानसा निवासी रतज वर्ष 16 एवं संगरूर की हमीरगढ़ निवासी सियल (खुशी) मात्र 17 वर्ष की अल्पआयु में सांसारिक मोह-माया को त्याग कर 10 फरवरी को मूनक में जैन दीक्षा महोत्सव एवं साधु-साध्वी सम्मेलन में दीक्षा ग्रहण करेंगे। खुशी 10वीं और रजत 8वीं तक की पढ़ाई पूर्ण कर चुके हैं। दीक्षा लेने वाले दोनों का एक मात्र लक्ष्य समाज से वैर-विरोध, नशा, आपसी झगड़े सहित कई बुराइयों को समाप्त कर आपकी प्रेम और सदभाव के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करना है।
दीक्षा के बाद दोनों का अपने परिवार, नाते-रिश्तेदारों से कोई नाता नहीं रहेगा। बता दें कि दीक्षा लेने वाले रतज अग्रवाल एवं खुशी शर्मा समाज से संबंध रखती हैं। रतज ने बताया कि मानसा के जैन स्थानक के सामने मेरा स्कूल था। छुटटी के बाद स्थानक में जाता था। वहां जैन मुनि के विचार और प्रवचन सुनता था। इसके बाद उनकी इच्छा समाज की सेवा करने एवं मोक्ष मार्ग पर चलने की हुई।
इसी तरह खुशी ने बताया कि वर्ष 2015 में उनके घर श्री ज्योति जी और श्री सुगंध जी साध्वी का प्रवास हुआ था। साध्वी संयक के साथ संगत को प्रेम का मार्ग बताती थी। गांव के कुछ परिवारों में पुरुष नशा करके महिलाओं के साथ मारपीट करते थे और उन्हें समझाने वाला कोई नहीं होता था। तभी उन्होंने पण्र किया कि मैं खुद ऐसा स्थान बनाऊंगी कि लोगों को इस बुराई से दूर रहने की नसीहत दे पाऊं।
बावजूद इसके दोनों ने तीन वर्ष से अधिक वैरागी जीवन अपनाने के बाद फैसला लिया है। मूनक में जैन स्थानक से हाथी और लग्जरी गाड़ी की सवारी समेत विशाल शोभायात्रा निकाली जाएगी। सम्मेलन में देश भर से सुदर्शन संग के साधु-साध्वी और श्रद्धालु उपस्थित होंगे।