10 उच्चशिक्षित युवतियों ने नौकरी छोड़ आचार्यश्री से ली सन्यासी दीक्षा


मध्य प्रदेश के रायसेन नगर के सिलवानी में परमपूज्य आचार्यश्री विद्यासागर जी ससंघ विराजमान हैं। यहां श्री मज्जिनेंद्र जिनिबिम्ब पंच कल्याणक प्रतिष्ठा, पंचरथ एवं विशांति महायज्ञ का का कार्यक्रम आचार्यश्री ससंघ के पावन सानिध्य में हो रहा है। आचार्यश्री ससंघ के पावन सानिध्य में यह ऐसा अद्धितीय जिनिबिम्ब प्रतिष्ठा महोत्सव है, जिसमें एक साथ 10 उच्च शिक्षित युवतियों को उनके संकल्प और भावना का सम्मान करते हुए उन्हें दीक्षा ग्रहण करायी गई है। जानकारी के अनुसार उच्च शिक्षित, लग्जरी जीवन शैली अपनाने वाली, अच्छी खासी पढ़ाई-लिखाई कर नौकरी/कैरियर को छोड़ भौतिकता से परिपूर्ण जीवन का त्याग कर सन्यासी जीवन जीने की लालसा लिए यह युवतियों को बुधवार दीक्षा ग्रहण करायी गई।

सिलवानी में हुए एक भव्य समारोह के दौरान इन युवतियों ने आचार्यश्री ससंघ से आजीवन ब्रह्मचर्य व्रत को अंगीकार कर लिया। दीक्षा ग्रहण करने वाली सभी युवतियों ने सर्वप्रथम आचार्यश्री के दर्शन किये। इसके बाद युवतियों और उनके अभिभावकों ने आचार्यश्री से मिलकर आत्म साधन करने एवं मोक्ष मार्ग पर आगे बढ़ने का संकल्प दोहराया। उनके संकल्प को देख आचार्यश्री ने उन्हें इसकी इजाजत दे दी। दीक्षा ग्रहण कर रही युवतियां बीई, एमटेक आदि की पढ़ाई कर चुकी हैं और कुछ तो शिक्षिका तक हैं।

सिलवानी में श्री मज्जिनेंद्र जिनिबिम्ब पंच कल्याणक प्रतिष्ठा महोत्व में सैकड़ों की संख्या में समाज के लोग शामिल हुए। इसके तहत पात्र शुद्धि, अभिषेक, शांतिधारा, नित्यगृह पूजन एवं प्रभु का मोक्ष गमन पूजन, आचार्यश्री का पूजन, विश्व शांति महायज्ञ, पूर्णाहुति हवन विसर्जन का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। इसके बाद गजरथ फेरी निकाली गई। समारोह में कनाडा तक से एक जैन दम्पति सिलवानी पहुंचे। वे यहां आचार्यश्री के दर्शन करने मात्र आए हैं। कनाडा से आने वाले 85 वर्षीय बाबूलाल जैन उनकी पत्नी समुद्री देवी 75 वर्षीय मंगलवार शाम सिलवानी पहुंचे।


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