त्याग तपस्या और संयम से परिपूर्ण जैन धर्म के प्रति आस्था का आलम यह है कि मात्र 11 वर्षीय बालक कनिष्क कुमार जैन मन ही नहीं तन से भी जीवन के प्रति ऐसा त्यागी व्रत ग्रहण कर रहा है। मध्य प्रदेश राज्य के इंदौर नगर अंर्तगत अलीराजपुरका यह बालक दिनांक 17 जनवरी, 2016 को मुम्बई में दीक्षा ग्रहण कर रहा है। इतनी छोटी अवस्था में कनिष्क ने भौकिकता से जगमगाता सम्पूर्ण जीवन का त्याग करने के पण्रमात्र से सारा इंदौर नगर उल्लासित हो रहा है।नगर में दीक्षा लेने से पूर्व बालक कनिष्क कुमार जैन का वर्षीदान का वरघोड़ा यात्रा प्रमुख मागरे से धूमधाम से निकाली गयी। यात्रा में जैन समाज के लोग काफी बड़ी संख्या में सजधज कर पहुंचे थे। बैंडवाजों की धुन पर धार्मिक गीतों की धुन और खाने-खेलने की अवस्था वाले बालक के सांसारिक जीवन छोड़, त्याग और तपस्या के जीवन पर पहली सीढ़ी चढ़ने पर हर कोई भाव-विभोर हो रहा था और उधर बालक कनिष्क अपने दोनों हाथों से सांसारिक वस्तुओं को लुटा रहा था। सांसारिकता सुख-भोग से विरकता की ओर ले जाने वाला धर्म ही जैन धर्म है।