Jain Minority Benefits – अब जैन समुदाय भी भारत सरकार की ओर अल्पसंख्यक दर्जा प्राप्त की सूची में शामिल है। ऐसे में इस समुदाय को भी अल्पसंख्यक के वही लाभ प्राप्त होंगे जो अन्य अल्पसंख्यक समुदाय को प्राप्त होते हैं।
इससे क्या लाभ हो सकते हैं इस सम्बंध में ललितपुर में आयोजित राष्ट्रीय जैन अल्पसंख्यक कार्यशाला के मौके पर संक्षिप्त में प्रकाश डाल रहे हैं जैन अल्पसंख्यक लाभ के प्रति अनेक वर्षों से जन-जागरूकता कर रहे डाॅ. सुनील जैन संचय
परम पूज्य सराकोद्धारक आचार्य श्री ज्ञानसागर जी महाराज ससंघ के पावन सान्निध्य में 30 अप्रेल को श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र क्षेत्रपाल जी ललितपुर में आयोजति राष्ट्रीय जैन अल्पसंख्यक कार्यशाला में देश-भर से जाने-माने अनेक गणमान्य अतिथि शामिल हो रहे हैं।
आयोजन को लेकर लोगों में भी काफी उत्साह देखा जा रहा है। इस आयोजन में Jain Minority Benefits विषय पर विषय विशेषज्ञों द्वारा जानकारियां प्रदान की जायेगी।
भारतीय संविधान में अल्पसंख्यक शब्द का प्रयोग केवलमात्र 29 व 30 अनुच्छेद में हुआ है। इस व्यवस्था के अनुसार इस देश में नागरिकों का कोई एक वर्ग यदि अपनी भाषा, लिपी अथवा संस्कृति रखना है तो उसकी अक्षुण्णता को बनाकर रखने को उसे पूर्ण उसे पूर्ण अधिकार है।
किसी नागरिक को किसी भी शिक्षण संस्था में प्रवेश से जिसका संचालन राज्य द्वारा किया जाता है अथवा जो राज्य की आर्थिक सहायता से संचालित होता है, जाति , धर्म, भाषा व मूलवंश के आधार पर वंचित नहीं किया जा सकता।
अनुच्छेद 30 स्पष्ट करता है कि अल्पसंख्यक चाहे उनका आधार भाषा अथवा धर्म हो वे अपने विवेक के आधार पर शिक्षण संस्थाओं की स्थापना व उनका संचालन शिक्षा के मापदण्डों को मानते हुए कर सकते हैं।
Jain Minority
वर्तमान में बौद्ध, मुस्लिम, जैन , सिख, ईसाई, पारसी को सरकार द्वारा अल्पसंख्यक घोषित किया गया है। जैन समाज के अल्पसंख्यक घोषित होने से संविधान के अनुच्छेद 29 व 30 के अनुसार जैनधर्म , भाषा, संस्कृति की रक्षा संविधान के उपबंधों के अंतर्गत हो सकेगी। जैन समाज द्वारा स्थापित एवं संचालित शिक्षण संस्थाओं में पढाई करने व कराने के लिये जैन धर्मावलम्बियों को स्वतंत्र अधिकार प्राप्त हो गया है।
जब से जैन समुदाय को राष्ट्रीय स्तर पर अल्पसंख्यक दर्जा प्रदान किया गया है तब से अन्य अल्प संख्यक समुदाय की तरह ही जैन समुदाय के लोगों को भी देश के अन्य अल्पसंख्यक समुदायों की तरह सरकारी योजनाओं व कार्यक्रमों का फायदा मिलने का रास्त खुल गया है।
जैन समुदाय अपने निजी शिक्षण संस्थानों को स्वशासी बना सकेगा। आइये हम भी जानते हैं कि आखिरकर जैन समुदाय अल्पसंख्यक बनने पर किन किन Jain Minority Benefits को प्राप्त कर सकता है, संकलित किये गये लाभ इसप्रकार से हैं:-
Jain Minority Benefits
- जैन धर्म की सुरक्षा होगी।
- कम ब्याज पर लोन व्यवसाय व शिक्षा तकनीकी हेतु उपलब्ध होंगे।
- जैन धर्म की नैतिक शिक्षा पढाई कराने का जैन स्कूलों को अधिकार।
- जैन कांलेजों में जैन के लिए 50 प्रतिशत आरक्षित सीट होंगी।
- जैन धर्मावलंबियों के धार्मिक स्थल, संस्थाओं, मंदिरों, तीक्र्षक्षेत्रों एवं ट्स्ट का सरकारीकरण या अधिग्रहण आदि नहीं किया जा सकेगा अपितु धार्मिक स्थलों का समुचित विकास एवं सुरक्षा के व्यापक प्रंबंध शासन द्वारा भी किए जायेंगे।
- जैन समुदाय के अल्पसंख्यक घोषित हो जाने से संविधान के अनुच्छेद 25 से 30 के अनुसार जैन समुदाय धर्म, भाषा, संस्कृति की रक्षा संविधान में उपलब्धों में अंतर्गत हो सकेगी।
- उपासना स्थल अधिनियम 1991 (42 आक-18-9-91) के तहत किसी धार्मिक उपासना स्थल बनाए रखने हेतु स्पष्ट निर्देश जिसका उल्लंघन धारा 6 (3) के अधीन दंडनीय अपराध है। पुराने स्थलों एवं पुरातन धरोहर को सुरक्षित रखना सन् 1958 के अधिनियम धारा 19 व 20 के तहत सुरक्षित हो।
- जैन धर्मावलंबी अपनी प्राचीन संस्कृति पुरातत्व एवं धर्मस्थलों का संरक्षण कर सकेंगे।
- समुदाय द्वारा संचालित ट्स्टों की सम्पत्ति को किराया नियंत्रण अधिनियम से भी मुक्त रखा जायेगा।
- जो प्रतिभावान अल्पसंख्यक विद्यार्थी जिले के उत्कृष्ट विद्यालयों में प्रवेश पाते हैं तो उनमें गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले विद्यार्थियों का 9वीं, 10वी, 12वीं कक्षा का शिक्षण शुल्क एवं अन्य लिया जाने वाला शुल्क पूर्णतः माफ कर दिया जायेगा।
- जैन मंदिरों तीर्थ स्थलों, शैक्षणिक संस्थाओं इत्यादि के प्रबंध की जिम्मेदारी समुदाय के हाथ में दी जायेगी।
- अल्पसंख्यक समुदाय के धार्मिक स्थल के समुचित विकास एवं सुरक्षा के व्यापक प्रबंध शासन द्वारा किये जायेंगें।
- शैक्षणिक एवं अन्य संस्थाओं को स्थापित करने या उनके संचालन में सरकारी हस्तक्षेप कम हो जायेगा।
- जैन धर्मावलम्बी द्वारा पुण्यार्थ, प्राणीसेवा, शिक्षा इत्यादि हेतु दान धन कर मुक्त होगा।
- विश्वविद्यालय द्वारा संचालित कोचिंग कांलेजों में समुदाय के विद्यार्थियों को फीस माफ या कम होने की सुविधा प्राप्त होगी।
- जैन धर्मावलम्बी को बहुसंख्यक समुदाय के द्वार प्रताडित किये जाने की स्थिति में सरकार जैन धर्माबलंबी की रक्षा करेगी।
- सरकार द्वारा जैन समुदाय को स्कूल, कांलेज, छात्रावास, शोध या प्रशिक्षण संस्थान खोलने हेतु सभी सुविधाएं एवं िरयायती दर पर जमीन उपलब्ध करवाई जायेगी।
- जैन समुदाय द्वारा संचालित जिन संस्थाओं पर कानून की आड में बहुसंख्यकों ने कब्जा जमा रखा है, उनसे मुक्ति मिलेगी।
- जैन समुदाय के विद्यार्थियों को प्रशासनिक सेवाओं और व्यवसायिक पाठ्यक्रम के प्रशिक्षण हेतु अनुदान मिल सकेगा।
- अल्पसंख्यक वर्ग के युवाओं में खेलकूद व अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों में प्रोत्साहन हेतु अनुदान एवं छात्रवृत्तियों में विशेष प्रावधानों का लाभ मिल सकेगा ताकि गरीबी रेखा से नीचे आने वाले तथा आर्थिक स्थिति में कमजोर वर्ग का शैक्षणिक सामाजिक एवं आर्थिक विकास हो सकेगा।
- अल्पसंख्यक समुदाय के लिए कराए गए आर्थिक सामाजिक, शैक्षणिक स्थिति के सर्वेक्षण के आधार पर रोजगार मूलक सुविधा का लाभ मिलेगा।
मैं अनेक बर्षों से जैन समुदाय के अल्पसंख्यक आन्दोलन से जुड़ा रहा, इसके बाद Jain Minority Benefits योजनाओं की जानकारी सभी तक पहुुंचे इस दृष्टि विगत वर्षोंं से पत्र-पत्रिकाओं, सोशल मीडिया , पंपलेट आदि के माध्यम से जन जागरूकता लाने का प्रयास निरंतर कर रहा हूं। जानकारी के अभाव में लोग Jain Minority Benefits से लाभान्वित नहीं हो पा रहे हैं। इस दिशा में अल्पसंख्यक आयोग शैक्षणिक संस्था में सह सचिव पद पर कार्यरत सम्माननीय श्री संदीप जैन जी का अवदान महत्वपूर्ण है।बतौर मुख्य अतिथि जबलपुर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की सेवानिवृत्त जस्टिस न्यायमूर्ति आदरणीया विमला जैन जी भोपाल व बहुत ही शानदार व्यक्तित्व के धनी आदरणीय सुरेश जी आईएएस भोपाल का आगमन महनीय है। उनके दिशा-निर्देश बहुत ही उपयोगी और सार्थकता प्रदान करने वाले होते हैं। मुझे अनेक वर्षों से आदरणीय श्री सुरेश जी आईएएस भोपाल का मार्गदर्शन प्राप्त हो रहा है। उनके मन में जो कार्य करने की ललक है वह देखने योग्य है।
Jain Minority Benefits – राष्ट्रीय कार्यशाला
आयोजन को सफल बनाने में जहां दिगम्बर जैन पंचायत समिति का अहम योगदान है वही आयोजन के संयोजक आदरणीय श्री शैलेन्द्र जी अलीगढ व वरिष्ठ पत्रकार, समाजसेवी, ऊर्जा के धनी भाईसाहब श्री प्रवीण जी झांसी का योगदान अपने आप में अहम है।आदरणीय भाईसाहब श्री प्रदीप जी जैन पीएनसी आगरा को भला आज कौन नहीं जानता। पीएनसी परिवार आगरा का एक जाना-माना नाम है। अभी पिछले महीनेे ही करगुवां जी झांसी में आत्मीय मुलाकात हुयी थी। आपके छोटे भाई आगरा नगर निगम के मेयर पद पर भारी मतों से विजयी हुये थे, यह गौरव की बात है।
Jain Minority Benefits की जानकारी को लेकर ललितपुर में आयोजित यह राष्ट्रीय कार्यशाला समाज में अल्पसंख्यक लाभ प्राप्त करने की दिशा में एक नयी जागरूकता लायेगी और यह आयोजन दूरीगामी परिणाम देने वाला सिद्ध होगा।
डाॅ0 सुनील जैन ‘संचय