विमलनाथ जी के तेरहवें तीर्थंकर हैं। प्रभु विमलनाथ जी का जन्म माघ मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को भाद्रपद नक्षत्र में कम्पिला में हुआ। विमलनाथ जी के शरीर का रंग सुवर्ण (सुनहरा) और चिह्न शूकर था।
कालक्रम के अनुसार विमलनाथ जी ने राजपद का दायित्व भी निभाया। दीक्षावन में जामुन वृक्ष के नीचे तीन वर्ष तक ध्यानारूढ़ होकर भगवान, माघ शुक्ल षष्ठी के दिन केवली हो गये। अन्त में सम्मेद शिखर पर जाकर एक माह का योग निरोध कर आठ हजार छह सौ मुनियों के साथ आषाढ़ कृष्ण अष्टमी के दिन निर्वाण प्राप्त किया।
Heaven | Mahasaradevaloka |
Birthplace | Kampilyapura |
Diksha Place | Samed Shikharji |
Father’s Name | Kritavarmaraja |
Mother’s Name | Syama |
Complexion | golden |
Symbol | boar |
Height | 60 dhanusha |
Age | 6,000,000 common years |
Tree Diksha or Vat Vriksh | Jambu |
Attendant spirits/ Yaksha | Shanmukha |
Yakshini | Vidita |
First Arya | Mandara |
First Aryika | Dhara |