भगवान ऋषभदेव की आज्ञा से इन्द्र ने जिन ५२ जनपदों की रचना की थी, उनमें एक अंग जनपद भी था जिसकी राजधानी चम्पानगरी मानी जाती है। बारहवें तीर्थंकर भगवान वासुपूज्य की जन्मभूमि होने का तो इसे सौभाग्य प्राप्त है ही, किन्तु यहाँ उनके पाँचों कल्याणक भी हुए हैं इसलिए यह पावन सिद्धक्षेत्र भी कहलाता है। किसी तीर्थंकर के पाँचों कल्याणक एक ही जगह होने का इतिहास मात्र चम्पापुर में ही मिलता है, अन्यत्र कहीं नहीं। राजा वसुपूज्य एवं रानी जयावती से फाल्गुन कृष्णा चतुर्दशी के दिन तीर्थंकर वासुपूज्य का जन्म हुआ था। पाँच बाल ब्रह्मचारी तीर्थंकरों में से वासुपूज्य भगवान प्रथम बालयति हुए हैं जिन्होंने विवाह न करके संसार से वैरागी होकर दीक्षा धारण कर ली थी। इनके पूर्व के ग्यारह तीर्थंकरों में से सभी ने विवाह करके राज्य संचालन करने के पश्चात् दीक्षा धारण की थी।
Champapur is the only ‘Panch Kalyanaka Kshetra’ in the world. It is related to Panch Kalyanaka: – “(i) Garbha, (ii) Janma, (iii) Tapa, (iv) Gyan and (v) Moksha” of 12th Teerthankar Bhagwan Vasupoojya (The first ascetic saint).
The Champapur was the capital of ‘Anga Janpada’. The Anga Janpada was one of the 52 Janpadas established by Adi Teerthankar Bhagwan Rishabh Deo. Champapur also existed as Maha Janpada among the six Maha Janpadas during the time of Bhagwan Mahaveer Swami.
How to reach:
By Road: – 3.5 km away from Bhagalpur Station, Taxi, Tonga, Tempo etc. available. Buses are available from Patna, Lakhi Saraya, Munger etc.
Train: – Direct train from Kolkata, Delhi, Mumbai, Surat, Patna, Gaya, Ilahabad etc.
Airport: – Bhagalpur, Ranchi, Patna
Nearby Places:
Kuppaghat – beautiful place 4 km towards east from Bhagalpur on the bank of River Ganga
Karnagarh – the place of king Karna in Nathnagar, at this place Karna used to give charity to needy people after taking bath.
Bhagalpur is famous as ‘Silk City’ throughout India.
Sammed Shikharji 280 km