चंदा तू ला रे चंदनिया, सूरज तू ला रे किरणाँ … (२)
तारा सू जड़ी रे थारी आरती रे बाबा नैना सँवारूँ …(२)
थारी आरती … चंदा तू…॥
आदिनाथ का लाड़लाजी नंदा माँ का जाया …(२)
राजपाट ने ठोकर मारी, छोड़ी सारी माया … (२)
बन ग्या अहिंसाधारी, बाहुबली अवतारी
तारा सू जड़ी रे थारी आरती, रे बाबा नैना सँवारूँ … चंदा तू…॥
तन पे बेला चढ़ी नाथ के, केश घोंसला बन गया …(२)
अडिग हिमालय ठाड्या तनके, टीला-टीला चमक्या …(२)
थारी तपस्या भारी, तनमन सब थापे वारी
ताराँ सू जड़ी रे थारी आरती, रे बाबा नैना सँवारूँ … चंदा तू…॥
जय-जय जयकारा गावें थारा, सारा ये संसारी …(२)
मुक्ति को मार्ग बतलायो, घंण-घंण ए अवतारी …(२)
‘नेमजी’ चरणों में आयो, चरणाँ में शीश झुकायो
जुग-जुग उतारे थारी आरती रे, रे बाबा नैना सँवारूँ।