श्री विधा प्राप्ति आराधना महोत्सव मुहनामण्डी में


शरद पूर्णिमा पर पहली बार 1008 सहस्त्रफणी पार्श्वनाथ मंदिर, पारसविहार कॉलोनी, मुहाना, जयपुर में विधा प्राप्ति आराधना , सरस्वती विधान का आयोजन रविवार 13 अक्टूम्बर 2019 को दोपहर 2 बजे से 4 बजे तक किया गया ।गुरु देव के मंगल आशीर्वाद व सानिध्य महातपस्वी महामना आचार्य श्री कुशाग्रनन्दी जी गुरूवर, मुनि श्री अजय ऋषि जी महाराज, ऊर्जा गुरु अरिहन्त ऋषि जी के पावन सानिध्य में व वाणी भूषण विधानाआचार्य श्री रोहित पंडित जी (सांगली)के निर्देशन में जैन पद्धति के अनुसार की गई ।

प्रथम 50 नाम जिन बच्चो के आये थे उनको गुरु देव के हाथों से मोतियों की माला और विधा यंत्र दिए गए।इसमें वोलियेन्टर के रूप में अभिषेक जैन प्रतापनगर , अतुल जैन जोहरी बाजार , दीक्षा जैन सांगानेर को मनोनीत किया गया था । महामंत्री पवन जी गोदिका (मुहानामण्डी) ने बताया कि पूजा समाप्ति के बाद गुरु देव ने सभी बच्चो को पिच्छी से आशीर्वाद दिया और सभी बच्चो को श्रीफल विधा मंत्र और पैन देखकर उनके उज्जवल भविष्य की कामना की । पूजा में प्रशांत बाकलीवाल, दिशा बाकलीवाल, भानु सेठी , दीक्षा जैन सांगानेर, अभिषेक जैन प्रतापनगर ,चिरायु जैन,चारवी ,हार्दिक जैन, पूर्वी जैन,नव्या जैन, रिद्धिमा जैन और बहुत से बच्चे शामिल हुए ।

पूजा गाजे बाजे और भक्ति के साथ संपन्न हुई । सभी बच्चो ने सफेद वस्त्र पहनकर पूजा की महातपस्वी आचार्य कुशाग्र नन्दी जी ससंघ के सानिंद्य में जयपुर में पहली बार”श्री विद्या प्राप्ति आराधना विधान “का आयोजन पारसविहार,मोहन स्थित पार्श्वनाथ जैन मंदिर में रविवार दिनांक 13 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा के पावन अवसर 2 बजे से पर मनाया गया । कार्यक्रम संयोजिका शिप्रा एवं रुचि गोदिका नें बताया यह आयोजन 5 से 30 वर्ष तक के अभ्यर्थियों के लिए आयोजित किया। सहसंयोजिक प्रिया जैन ने बताया इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों में तीव्रस्मरणशक्ति,शैक्षणिक योग्यता में वृद्धि,एकाग्रता, को बढ़ाना है।शरद पूर्णिमा का दिन इस कार्य के लिए बेहद शुभ माना गया है और अगर गुरु का सानिंध्य भी मिल जाये तो ‘सोने में सुहागा’ के समान है। कार्यक्रम का निर्देशन कर रहे पंडित रोहित जैन सांगली के अनुसार इसमें बच्चों को मोती की माला,एवं सरस्वती विद्या यंत्र दिया। बच्चे अपना नाम संयोजको को शनिवार 5 बजे तक भी लिखवाया।

— Atul Jain


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