मध्य प्रदेश के सीहोर नगर की 31वर्षीय इंजीनियर भावना धाड़ीवाल सांसारिक सुख, मोह-माया, भोग-विलास को एक तरफ रख धर्म के पथ पर आगे बढ़ते हुए वैराग्य के कठिन रास्ते पर चलने का पण्रकिया है। भावना को आष्टा के मानस भवन में 11 से 14 मार्च तक आयोजित कार्यक्रम में दीक्षा प्रदान की जाएगी। नगर के आष्टा के धाड़ीवाल परिवार, कम्प्यूटर साइंस से बी. ई. कर चुकी भावना का दीक्षा से पूर्व वर्षीदान का बरघोड़ा बहुत धूमधाम से निकाला गया।
रथ में बैठकर भावना पूरे मनोयोग से एक-एक कर सांसारिक वस्तुओं का त्याग करती जा रही थी। बता दें कि भावना ने उज्जैन नगर से वर्ष 2010 में कम्प्यूटर साइंस से बीई किया था और उसके बाद तीन साल निजी इंजीनियरिंग कालेज में लैक्च्चर रही। पढ़ाई के दौरान जब भावना अपने घर आती थी तो वह नियमित मंदिर जाती थी। इस दौरान वे मंदिर में आई साध्वी पदमलता श्री के सम्पर्क में आई और एक दिन भावना ने अंदर की भावना साध्वी से जाहिर करते हुए से पूछ ही लिया कि क्या मैं आपकी तरह नहीं बन सकती हूं।
साध्वी ने कहा कि इसके लिए कठिन नियमों का पालन जरूरी है और यही मार्ग मोक्ष के पथ पर अग्रसर करता है। इसी भावना के तहत भावना ने जीवन पथ का अंतिम ध्येय बनाकर अपने परिवारीजनों से साध्वी बनने की इच्छा जाहिर की। पहले तो परिवारीजन भावना की इस बात को सुनकर अवाक रह गये किंतु समय के साथ धीरे-धीरे सहमत हो गये और अब इंजीनियर भावना अपना घर-परिवार. रिश्ते-नाते, धन-दौलत सहित सांसारिक सुख-सुविधाओं को आजन्म त्याग कर दीक्षा ग्रहण करेंगी।