आचार्यश्री ने समझाया, आत्महत्या में क्या बुराई
भोपाल। राजधानी भोपाल में चार्तुमास कर रहे जैन संत आचार्य विद्यासागर महाराज का पडग़ाहन शनिवार को मध्यप्रदेश के वित्त मंत्री जयंत मलैया के चौके में हुआ। मलैया और उनकी पत्नी सुधा मलैया ने नवधा भक्ति पूर्वक आचार्यश्री को निरंतराय आहार कराए। आहार से पूर्व आचार्यश्री ने हबीबगंज जैन मंदिर में प्रवचन देते हुए आत्महत्या की बुराई और संलेखना पूर्वक मरण का महत्व समझाया।
प्रदेश के वित्तमंत्री जयंत मलैया का परिवार पिछले काफी दिनों से आचार्यश्री के लिए चौका लगा रहा था। पिछले तीन दिनों से स्वयं जयंत मलैया रोज सुबह आचार्यश्री के पडग़ाहन के लिए खड़े हो रहे थे। आखिर शनिवार को जैसे ही आचार्यश्री का पडग़ाहन मलैया के चौके में हुआ लोगों ने तालियां बजाकर खुशी का इजहार किया। आहार से पूर्व आचार्य विद्यासागर महाराज ने तत्वार्थ सूत्र पर प्रवचन देते हुए कहा कि मनुष्य इस जनम की परेशानियों से मुक्ति के लिए आत्महत्या जैसा कदम उठाता है लेकिन वे नहीं जानता ये परेशानियां पूर्व जन्म के कर्मों के कारण है और उसे कर्मों का फल सभी जन्मों में भुगतना ही पड़ेगा। उन्होंने कहा कि आत्महत्या करने वाले कभी दुख से मुक्ति नहीं पा सकते। अगला जनम किस रूप में होगा नहीं पता और उसमें कितना कष्ट होगा ये भी नहीं पता। उन्होंने कहा कि मनुष्य के लिए सबसे अच्छा मरण, समाधि मरण है। इस मरण में सभी प्रकार के दुखों से मुक्ति मिलती है। होश पूर्वक मरण होता है और ये मोक्ष का द्वार खोलता है।
– रवीन्द्र जैन पत्रकार