डलास अमेरिका, भारतीय परिधान से सुसज्जित मैक्सिको की एक युवती भौतिकता एवं गृहस्थ जीवन का त्याग कर जैन साध्वी की दीक्षा ग्रहण करने जा रही है। 33 वर्षीय तान्या मेंज दिनांक 09 जुलाई, 2016 को अमेरिका में जैन साध्वी की दीक्षा लेंगी। तान्या अमेरिका के जैन तीर्थ सिद्धांयतन में पिछले 4 वर्षो से बतौर सन्यासी साधनारत हैं। जैन साध्वी दीक्षा ग्रहण करने वाली तान्या ने उच्च शिक्षा प्राप्त की है और एक सफल प्रोफेशनल रही हैं।
2 वर्ष की अवस्था में उनका परिवार अमेरिका में आ बसा और उन्होंने बिजनेस मैनेजमेंट सहित उच्चतर शिक्षा के अन्य पाठय़क्रमों की भी शिक्षा ग्रहण की और उच्च अधिकारी के पद पर पदासीन हुई। इस दौरान उन्होंने कई देशों का भ्रमण किया किंतु जीवन की बाहरी भौतिकता सांसारिक सुख उन्हें अपनी ओर आकषिर्त नहीं कर सका और उन्होंने सांसारिक दुनिया त्याग संयमित और अध्यात्मिक जीवन धारण करने का निश्चय किया। तान्या ने जैन दर्शन, तप और तपस्या से प्रभावित होकर, आचार्य श्री योगीश के आशीर्वाद से जैन साध्वी बनने का निश्चय कर लिया।
पिछले 4 वर्षो से जैन तीर्थ सिद्धांयतन में रह रही तान्या ने सबसे पहले साध्वी परम्परा का पालन कर शाकाहारी बनी, जहां अहिंसा, प्रेम, करुणा, दया उनके जीवन शैली का हिस्सा बन गयी। सम्यक दर्शन, सम्यक ज्ञान एवं सम्यक चरित्र के मूल सिद्धांतों का पालन करते हुए तान्या ने आचार्य और गुरूजनों के आशीर्वाद से आत्मकल्याण की राह चुनी। इस संबंध में आचार्यश्री ने कहा कि सुश्री तान्या सांसारिक जीवन त्याग साध्वी के जीवन को अपनाकर स्वयं को पूरी तरह मानवता और जैन दर्शन के लिए स्वयं को समर्पित कर रही हैं।
सिद्धांयतन की एक साध्वी सिद्धाली के अनुसार दिनांक 9 जुलाई को तान्या आकषर्क दुल्हन की पोषाक पहलेंगी किंतु कुछ ही देर में वे आकषर्क वस्त्रों, सांसारिक इच्छाओं को त्याग सफेद वस्त्र धारण कर जैन दर्शन के सिद्धातों के प्रचार-प्रसार के लिए अपने जीवन को समर्पित कर देंगी।
— Rajesh P Singhvi (Special correspondent Team Jain24.com)