- जन्म: 27 जून 1967
- पूर्व नाम: नवीन कुमार जैन
- पिता का नाम: श्री सुरेन्द्र कुमार जैन
- माता का नाम: श्रीमती सोहनी देवी जैन
- जन्म स्थान: हजारी बाग ( झारखण्ड)
- वैराग्य: 4 मार्च 1984, राजनांदगांव (छतीसगढ़)
- क्षुल्लक दीक्षा: 8 नवम्बर 1985, सिद्ध क्षेत्र आहार जी, जिला- टीकमगढ़ (म.प्र.)
- ऐलक दीक्षा: 10 जुलाई 1987, अतिशय क्षेत्र थुवौनजी
- मुनि दीक्षा: 31 मार्च 1988 महावीर जयंती, सिद्ध क्षेत्र सोनागिरी जी
- दीक्षा गुरू: संत शिरोमणी आचार्य श्री विद्यासागर जी
झारखंड प्रान्त के हजारीबाग शहर में जन्मे मुनि श्री प्रमाणसागर जी, संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के प्रमुख शिष्यों में से हैं। अल्पवय में ही अंतर्यात्रा की ओर उन्मुख होने वाले मुनिश्री साधना, संयम और सृजन के सशक्त हस्ताक्षर हैं। आपका चिन्तन और अभिव्यक्ति कौशल हजारों – हजारों श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर भाव-विभोर कर देता है। धारा प्रवाह प्रवचन में शब्द-सौष्ठव एवं प्रस्तुतिकरण की मोहकता, मधुबन में बांसुरी की भांति प्रभावी है। आप हिन्दी, संस्कृत, प्राकृत एवं अंग्रेजी के अधिकारी विद्वान के रूप में बहु-आदरित हैं। अध्ययनप्रियता, आपका पथ व संयम, आपकी शैली एवं साधना आपकी गुणधर्मिता है। आप आगम के गूढ़तम ज्ञाता, जिणवाणी के प्रखर प्रस्तोता हैं। आपकी बहु प्रशंसित कृति “जैन धर्म और दर्शन” विचार, अध्यात्म एवं चिन्तन – जगत में अनुठे अनुदान की भांति सर्वमान्य है। जैन आगम के गूढ़ तत्त्वों की सहज-सरल-सुबोध प्रस्तुति इस कृति का अनुपम वैशिष्ट्य है। “जैन तत्त्व विद्या” आपकी तत्त्वान्वेशी मानसिकता का स्पष्ट प्रमाण है।