सादर आमंत्रण
देवगुरु श्रद्धा सम्पन्न,
जिन धर्मानुरागी बन्धुवर, सादर जय जिनेन्द्र!
देवों और इन्द्रों द्वारा पूजित श्री पाश्र्वनाथ भगवान की असीम अनुकम्पा से..
परम पूज्य संत शिरोमणि आजार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज के परम शिष्य परम पूज्य राष्ट्र संत, शाकाहार प्रवर्धक, महायोगी उपाध्याय मुनिश्री 108 गुप्ति सागर जी महाराज के पानव सानिध्य में..
गुरु द्रोणाचार्य नगरी साइबर सिटी गुड़गांव में शहर के मध्य में सदर बाजार स्थित अति प्राचीन जिन मन्दिर जो कि 5 वेदियों से सुसज्जित प्राचीन समय से कांच से निर्मित है, जिसमें मूलनायक वेदी को जो की नीम के नीचे से बाहर निकालकर स्वर्ण जड़ित अतिसुन्दर नवनिर्मित वेदी में मूलनायक प्रतिमा जी एवं नवीन प्रतिमायें विराजमान होना सुनिश्चित हुआ है।
हमें जिस घड़ी..जिस पल की प्रतीक्षा थी..
जिस उत्सव का सपना हमने देखा था.. आज वही घड़ी हमारे द्वारा खटखटा रही है।
हम उस घड़ी पल को मनाने के लिये आतुर हो रहे हैं। आज आपको उस मंगल घड़ी की सूचना देते हुए.. आप सभी को उछलते हृदय से सादर सहर्ष आमंत्रित करते हुए परम गौरव का अनुभव कर रहे हैं। दिगम्बर जैन समाज गुड़गांव सच्चे देव-शास्त्र-गुरु व धर्म की उपासक है। गुरु सेवा व अतिथि सम्मान, गुड़गांव जैन समाज को एक अलग विशिष्ट स्थान दिलाता है।
देश की सकल जैन समाज से कर जोड़ अनुरोध है कि इस ऐतिहासिक पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव में आप सभी स्वजन, बंधुजन, स्नेहीजन, मित्रजन, सुहृदजन, सपरिवार पधारकर जिनशासन की शाभा में अभिवृद्धि करें, और जैन समाज का गौरव बढ़ायें।
आपका आगमन…. हमारा सौभाग्य…
मंगल ध्वजारोहण,गर्भ कल्याणक
शुक्रवार, 12 फरवरी, 2016
प्रात: 7.00 बजे जिनाराधना, जाप्यारंभ, नान्दी मंगल धर्माचार्य अनुज्ञाउपाध्याय श्री गुप्तिसागर जी मुनिराज को श्रीफल भेंट कर गुरु आज्ञा, प्रतिष्ठाचार्य निमंत्रण
प्रात: 8.30 बजे भगवान महावीर पार्क से शोभायात्रा, कलशों के साथ घटयात्रा, इन्द्रों का आगमन, स्वागत दिग्बन्धन, भूमिशुद्धि, अंकुरारोपण, इन्द्रों का स्वागत, इन्द्र प्रतिष्ठा
प्रात: 10.00 बजे मण्डप स्थल पर ध्वजारोहण, पाण्डाल एवं मंच उद्घाटन, चित्र-अनावरण, मंगल कलश स्थापना, दीप प्रज्जवलन, उपाध्याय श्री का जैन ध्वज का महिमा पर मंगल प्रवचन
मध्यान्ह 2.30 बजे सकलीकरण, इन्द्र प्रतिष्ठा, मण्डप प्रतिष्ठा, महायज्ञ, मण्डल आराधना
सायं 7.30 बजे मंगल आरती, शास्त्र सभा, इन्द्र दरबार, अयोध्या की महामनोरना रचना, कुबेर भवन, गर्भ शोधन की क्रिया, माता मरुदेवी की सेवा, नाभिराय का बहुमान, माता द्वारा सोलह स्वप्न दर्शन, रत्न वृष्टिप्रारम्भ
गर्भकल्याणक
शनिवार, 13 फरवरी 2016
प्रात: 6.30 बजे जाप्य, नित्यमह अभिषेक, शान्तिधारा, मण्डल आराधना
प्रात: 9.30 बजे उपाध्याय श्री का मंगल प्रवचन
मध्यान्ह 1.00 बजे आकार शुद्धि, गर्भ कल्याणक पूजन, माता की गोद भराई, हवन
सायं 7.30 बजे आरती, शास्त्र प्रवचन, महाराजा नाभिराय का राज दरबार, स्वप्न फल वर्णन, कुमारिकाओं द्वारा तत्व चर्चा, 56 कुमारिकाओं द्वारा मरुदेवी मां की सेवा।
जन्मकल्याणक
रविवार, 14 फरवरी 2016
प्रात: 6.00 बजे तीर्थकर बालक का जन्म, अष्टुकुमारियों द्वारा जात कर्म आकार शुद्धि, जन्मातिशय, संस्करारोपण, शान्ति होम। अयोध्या नगर में स्वर्ग का उत्सव, घंटनाद, शंखनाद, भेरी सिंहनाद, वाद्य ध्वनिपूर्वक तीर्थकर बालक के जन्म की घोषणा, तांडव नृत्य, मंगल गीत
प्रात: 9.00 बजे सौधम्रेन्द्र का अयोध्या नगर में आगमन, नगर प्रदक्षिणा, पिता श्री नाभिराय के राजभवन प्रवेश-आज्ञा, शचि का प्रसूतिगृह प्रवेश, शचि द्वारा माता मरुदेवी को मायामयी निद्रा में शयन, जिन शुशि का रुपावलोकन, तीर्थकर की सहस्रलोचनों द्वारा जिन शिशु का रूप निहारना
प्रात: 10.30 बजे ऐरावत हाथी पर तीर्थकर बालक को लेकर पाण्डुकशिला की ओर गमन, भव्य शोभायात्रा, पाण्डुकशिला पर 1008 कलशों द्वारा जन्माभिषेक, सौधर्म इन्द्र-इन्द्राणी द्वारा तीर्थकर शिशु का श्रृंगार, नामकरण, पश्चात राजभवन में नगर सम्मानपूर्वक जिन शिशु को उनके माता-पिता को सौंपना, जन्म कल्याणक पूजन-हवन
सायं 5.00 महाआरती, शास्त्रसभा
रात्रि 8.00 बजे तीर्थकर बालक का पालना, सांस्कृतिक कार्यक्रम
तपकल्याणक
सोमवार, 15 फरवरी 2016
प्रात: 6.30 बजे नित्य-अभिषेक, वृहद् शान्तिधारा, नित्यमह पूजन
प्रात: 8.30 बजे बाल क्रीडा/षट्कला ज्ञानोपदेश
दोपहर 1.00 बजे राज्याभिषेक, नीलांजना नृत्य, वैराग्य प्रकट, चक्रवर्ती भरत को राजतिलक, लौकांतिक देवों का आगमन, वैराग्य संस्कृति, सुप्रभा पालकी पर सहेतुक वन गमन एवं दीक्षा विधि, दीक्षा कल्याणक पूजन एवं हवन
सायं 6.00 बजे महाआरती, शास्त्र सभा
राशि 8.00 बजे भजन सम्राट रुपेश जैन, इन्दौर द्वारा भजन संध्या का भव्य आयोजन
जिस तप से सिद्धि मिलती है, वही मंत्र, जिसे आत्मा का स्वाद मिले, वही स्वतंत्र है, कर्मो की सत्ता, सिद्ध भगवान, जिनका यश दिक् दिगन्तराल में व्याप्त सिद्धपद की प्राप्ति हेतु, वंदू बारम्बार, प्रभु चरणों में नमस्कार, नमस्कार, नमस्कार
आहार
मंगलवार, 16 फरवरी 2016
प्रात: 6.30 बजे जाप्य, नित्यमह अभिषेक, शान्तिधारा, तप कल्याणक आराधना पूजन
प्रात: 9.30 बजे उपाध्याय श्री गुप्ति सागर जी मुनिराज का मंगल प्रवचन
प्रात: 10.30 बजे तीर्थकर महामुनि की आहार चर्या का वैभव, राजा श्रेयांस भातु श्री सोमप्रभ लक्ष्मीमती का जाति स्मरण, नवधा भक्तिपूर्वक पड़गाहन, महामुनिराज की आहार चर्या
मध्यान्ह 2.30 बजे संकट निवारण आराधना, हवन
सायं 7.30 बजे आरती, प्रवचन, सांस्कृतिक कार्यक्रम में नाटिका ग्रुप
ज्ञान कल्याणक
बुधवार, 17 फरवरी 2016
प्रात: 6.30 बजे जाप्य, नित्यमह अभिषेक, शान्तिधारा, मण्डल-आराधना
प्रात: 9.30 बजे उपाध्याय श्री की मंगल देशना प्रवचन, मन्दिर वेदी-शुद्धि, वास्तु विधान, हवन
मध्यान्ह 2.00 बजे स्वर्ण सौभाग्यवती महिलाओं द्वारा केशर घषर्ण, अधिवासना, नयनोम्मीलन प्राण-प्रतिष्ठा, सूरिमंत्र, केवल ज्ञानोत्पत्ति, केवल ज्ञान महोत्सव
सायं 7.30 बजे आरती, प्रवचन, ब्र. सुमन जी शास्त्री द्वारा, सांस्कृतिक कार्यक्रम
विराट हास्य कवि सम्मेलन सायं 7.30 बजे
दिव्य दर्शन
गुरुवार, 18 फरवरी 2016
प्रात: 6.30 बजे जाप्य, नित्यमह अभिषेक, वृहद शान्तिमंत्र, जिनेन्द्र महाअर्चना
प्रात: 9.30 बजे उपाध्याय श्री की मंगल देशना प्रवचन
मध्यान्ह 2.00 बजे शिखर शुद्धि विधान, समवशरण उद्घाटन
मध्यान्ह 3.00 बजे समवशरण में दिव्य ध्वनि गणधर वृषभसेन के रूप में उपाध्याय श्री द्वारा दिव्य देशना, मुख्य श्रोता के साठ हजार शंकाओं का समाधान
रात्रि 7.30 बजे आरती, ब्र. रंजना दीदी द्वारा प्रवचन, सांस्कृतिक कार्यक्रम, नाटिका, आभार विधि
निर्वाण कल्याणक
शुक्रवार, 19 फरवरी 2016
प्रात: 6.30 बजे जाप्य, नित्यमह, अभिषेक, शान्तिधारा
प्रात: 7.30 बजे अष्टापद कैलाश में ध्यानस्थ श्रीजी के दर्शन, मोक्ष गमन, निर्वाण कल्याणक विधि, नख केश एवं मायावी शरीर का संस्कार, अग्निकुमार देव द्वारा निर्वाण काण्ड, वि शान्ति महायज्ञ पूर्णाहूति, उपाध्याय श्री का आशीर्वाद, प्रवचन, श्री जी विराजमान करने की शोभायात्रा मण्डप से मन्दिर स्थल तक
प्रात: 12.05 से शुभ मुहरूत में श्री जी स्थापना, शिखर पर कलश ध्वजारोहण।