जिस पावन धरती से जैन धर्म के 24 में से 20 तीर्थकरों ने तपस्या कर मोझ पाया हो, उस धरती का कण-कण पूजनीय है। झारखंड के गिरिडीह जिसे के अंतर्गत पारसनाथ ऐसा स्थान है, जिस स्थान पर देश ही नहीं विदेश से भी भक्तजनों का हर समय आना-जाना लगा रहा है। जैन धर्म के प्राचीन ग्रंथों में इस स्थान का विशेष महत्व और विशेष स्थान है।
झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मधुबन को अंतरराष्ट्रीय जैन तीर्थस्थान बनाये जाने की घोषणा की है। वैसे इस क्षेत्र पर साल भर विकास कार्य चलता रहता है। उन्होंने कहा कि लोगों का सहयोग रहा तो दो वर्षो के भीतर इसकी पहचान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने लगेगी। यह बात उन्होंने जैन तीर्थस्थल मधुबन के श्री दिगम्बर जैन मध्यलोग शोध संस्थान में आयोजित तीन दिवसीय विमल आराधना महोत्सव के दूसरे दिन के कार्यक्रम के उद्घाटन के अवसर कही। उन्होंने कहा कि क्षेत्र की जर्जर सड़कों को एक-दो माह के भीतर ही ठीक कर दिया जायेगा। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य की सबसे पवित्र भूमि मधुबन है। उसी के दूसरी तरफ बाबा बैद्यनाथ धाम और राजरप्पा में छिन्नमष्तिका माता का पवित्र मंदिर भी है। इन सभी क्षेत्रों का विकास करना सरकार की पहली प्रथमिकता होगी। उन्होंने वहां की जनता की सुरक्षा के सवाल पर कहा कि जो लोभ मुख्यधारा से भटक गये हैं, उन्हें पटरी पर लाएं और उन्हें मुख्यधारा से जोड़े।