श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र, अंकलेश्वर – गुजरात
गुजरात प्रान्त के सूरत और बडोदा के बीच अंकलेश्वर नमक रेलवे स्टेशन हैं. वहां से अंकलेश्वर ग्राम करीब १ किलोमीटर दुरी पर हैं. यहाँ भोयरे से भगवान पार्श्वनाथ की अतिशय्युक्त मूर्ति प्राप्त हुए हैं जो चिंतामणि पार्श्वनाथ के नाम से विख्यात हैं. यह आम धरना हैं एस मूर्ति के दर्शन से चिंताए दूर हो जाती हैं. यहाँ जैन और जैनेतर बंधू भरी संख्या में मनोती मानते हैं. पारगामी आचार्य धरसेन ने अंग श्रुत का विच्छेद हो जाने की आशंका से उस ज्ञान को सुपात्र विद्वानों को देना चाहा. पुष्पदंत और भुत्बली ने उनसे ज्ञान प्राप्त किया. तत्पश्चात एन दो साधुओ ने पहला चातुर्मास अंकलेश्वर में. किया वाही पर इन दोनों मुनियो ने शर्त के प्रचार की योजना बनायीं. एस प्रकार अंकलेश्वर पुष्पदंत और भुत्बली की चरण राज से पवित्र भूमि हैं
Shree Parshwanath Digambar Jain Atishay Kshetra, place located near ankaleshwar railway station, place just 1 KM away from ankaleshwar gaon.
This place is famous with the name of CHINTAMANI PARSHWANATH. The recognistion is that worries Away from the philosophy of the statue.