जयपुर। मध्य प्रदेश के बाद अब राजस्थान में भी जैन समुदाय के क्षमावाणी कार्यक्रम को मुख्यमंत्री निवास में आयोजित किया जा रहा है। आयोजन समिति के सदस्य और ग्रेटर निगम के उपमहापौर, पुनीत कर्णावट, ने बताया कि जैन समुदाय हर वर्ष क्षमावाणी पर्व मनाता है, जो जैन धर्म के मूलभूत सिद्धांतों को दर्शाता है। जयपुर शहर में इस समय 31 स्थानों पर जैन संतों के चातुर्मास चल रहे हैं।
राज्य के मुख्यमंत्री, भजनलाल शर्मा, ने सामूहिक क्षमावाणी कार्यक्रम को मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित करने का निर्णय लिया है। जैन संतों की प्रेरणा से 6 अक्टूबर को इस कार्यक्रम का आयोजन होगा, जिसमें जयपुर में चातुर्मास कर रहे दिगंबर संत आचार्य शशांक सागर महाराज, अर्चित सागर महाराज, पवन सागर महाराज, विश्व रतन महाराज सहित कई अन्य जैन संत भी शामिल होंगे और आशीर्वचन प्रदान करेंगे। यह मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित होने वाला पहला क्षमावाणी कार्यक्रम होगा।
पुनीत कर्णावट ने बताया कि यह कार्यक्रम मुख्यमंत्री की पहल पर हो रहा है, क्योंकि जैन समाज एक उद्यमशील समाज है और जहां शांति होती है, वहां प्रगति होती है। मुख्यमंत्री ने राज्य में कानून-व्यवस्था को प्राथमिकता दी है, और “राइजिंग राजस्थान” पहल के तहत आमंत्रित किए गए निवेशकों में जैन समाज के उद्यमियों का महत्वपूर्ण योगदान रहेगा। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के दूरगामी सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे। साथ ही, उन्होंने स्पष्ट किया कि यह कार्यक्रम पूरी तरह से जैन धर्म के सिद्धांतों पर आधारित है और इसका राजनीति से कोई संबंध नहीं है।
इसके अलावा, चर्चा है कि कार्यक्रम के दौरान जैन कल्याण बोर्ड के गठन का ऐलान भी किया जा सकता है। इस बार कार्यक्रम मुख्यमंत्री निवास पर हो रहा है, लेकिन भविष्य में इसे एसएमएस स्टेडियम में आयोजित करने की योजना बन सकती है।