जैन धर्म के लोग पर्युषण को काफी महत्वपूर्ण त्योहार मानते हैं। जैन पंथ श्वेतांबर परंपरा में यह पर्व भाद्रपद कृष्ण त्रयोदशी तिथि से शुरू होकर भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तक मनाया जाएगा। इस बार एक खास मौका पड़ रहा हैं, वो यह कि श्वेतांबर जैन पर्युषण पर्व की शुरुआत और समापन एक दिन हो रहा है।
इस वर्ष 24 अगस्त 2022, दिन बुधवार से श्वेतांबर जैन समुदाय का सबसे खास महापर्व ‘पर्युषण’ शुरू हो रहा है। इस बार ये पर्व 24 अगस्त से शुरू होकर 31 अगस्त को 2022 को समाप्त हो जाएगा। तत्पश्चात दिगंबर जैन समाज का पर्युषण या दशलक्षण पर्व 31 अगस्त से शुरू होकर 9 सितंबर 2022 तक मनाया जाएगा। ज्ञात हो कि श्वेतांबर जैन जहां त्याग-तपस्या और साधना के साथ 8 दिन का पर्युषण पर्व मनाते हैं, वहीं दिगंबर परंपरा में ये पर्व लगातार 10 दिनों तक चलता है। यह महापर्व पयुर्षण भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि से शुरू होकर अनंत चतुर्दशी तक मनाया जाता है।
इस बार श्वेतांबर जैन समाज के स्थानकवासी और मूर्तिपूजक का आत्मशुद्धि का 8 दिवसीय पर्वाधिराज पर्व ‘पर्युषण’ के दौरान संतों का सान्निध्य, सामूहिक आराधना, प्रतिक्रमण, प्रवचन, कल्पसूत्र तथा अनंतगढ़ सूत्र का वाचन, तप-आराधना, धर्म-ध्यान आदि किया जाएगा। इस खास अवसर पर भगवान महावीर जन्मवाचन समारोह भी मनाया जाएगा। ज्ञात हो कि इन दिनों तप और त्याग करके तथा दान और विधान करके कर्मों की निर्जरा की जाती है। इस बार कोरोना प्रतिबंध न होने से पर्युषण पर्व के कार्यक्रमों के आयोजन में बड़ी संख्या में समाजजन भाग लेंगे।