जैन धर्म में अहिंसा, त्याग, तपस्या और संयम को मूल माना गया है, जिसको व्यक्ति अंगीकार कर ले तो मोक्ष की प्राप्ति की जा सकती है। आज के भौतिकतवादी समाज में जहां, ऐशो-ओ-आराम, पैसा और चमक-दमक भरे जीवन में लोग जी रहे हैं, वहीं जैन धर्म के अनुयायी अपना सब कुछ छोड़ त्याग और तपस्या के मार्ग पर खुशी-खुशी चलने को आतुर हैं। छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव के गंज लाइन निवासी करोड़ों का कारोबार, ऐस-ओे-आराम से भरी जिंदगी को ठोकर मार परिवार के सभी सदस्य संमय की राह पर निकल पड़े हैं।
ऐसा पहली बार है कि जब परिवार के सभी सदस्य एक साथ दीक्षा ग्रहण करने जा रहे हैं। राजनांदगाव के गंज लाइन निवासी योगेश डाकलिया ने बताया कि सबसे पहले उनकी बेटियों ने दीक्षा ग्रहण करने का निर्णय लिया और इसके बाद परिवार के सभी सदस्यों ने दीक्षा ग्रहण करने की ठान ली। दीक्षा ग्रहण करने वाले इस परिवार उपेंद्र मेडीकल के संचालक स्व. प्रकाश चंद्र डाकलिया एवं कंचन देवी डाकलिया के पुत्र भूपेंद्र डाकलिया, पत्नी सपना डाकलिया, बेटी महिला एवं मुक्ता डाकलिया और बेटे देवेंद्र व हषिर्त डाकलिया हैं।
दीक्षा से पूर्व दीक्षा लेने वाले पूरे परिवार ने अपने परिवार एवं सकल जैन श्रीसंघ के अध्यक्ष एवं पूर्व महापौर नरेश डाकलिया ( चाचा जी) से इसकी अनुमति ली। उन्होंने अपने भतीजे एवं उनके पूरे परिवार की प्रबल इच्छा को देखते हुए बहती अश्रुधारा के साथ इसकी अनुमति दे दी। इस त्यागी परिवार के सभी सदस्यों की दीक्षा महोत्सव कार्यक्रम मध्य प्रदेश के सिवनी स्थित तीर्थ में आचार्य पीयूष सागर सुरीर महाराज के सान्निध्य में 15 जनवरी 2022 को होगा। इस त्यागी परिवार के सभी सदस्यों का नगर के गायत्री मंदिर चौक पर भव्य स्वागत किया गया। इस मौके पर नगर में बरघोड़ा यात्रा भी निकाली जाएगी।