ॐ की आदीश प्रभु, स्वामी जय आदीश प्रभु
ऋषभ जिनंदा प्यारे, तिहूँ जग ईश् विभो ||1||
नाभिराय के लाला, मरुदेवी नन्द-स्वामी….
नगर अयोध्या जन्मे, जन-गण-मन रंजन ||2|| ॐ जय…
प्रजापति कहलाये जगहित कर भरी, स्वामी….
जीवन-वृत्ति सिखाई, नींव धरम डारी ||3|| ॐ जय…
सकल विभव को त्यागा, हुए आतम ध्यानी, स्वामी….
लोकालोक पिछाने, भय केवलज्ञानी ||4|| ॐ जय…
गिरी कैलाश पे जा के, कीना तप भारी, स्वामी….
करम शिखर को चूरा, वरनी शिवनारी ||5|| ॐ जय…
ब्रम्हा विष्णु विधाता, आदि-तीर्थंकर, स्वामी…
सहस आठ नामों से, सुमरे सुर इंदर ||6|| ॐ जय…
ऋषि मुनिगण नर-नारी, तुमको सब ध्यावे, स्वामी…
सुर चक्री पद लेके, शिव पद को पावे ||7|| ॐ जय…
चरण आरती करके, शत-शत शीश नमूं, स्वामी…
ऐसी युक्ति, प्रभु सम बन जाऊं ||8|| ॐ जय…
ॐ की आदीश प्रभु, स्वामी जय आदीश प्रभु
ऋषभ जिनंदा प्यारे, तिहूँ जग ईश् विभो